समग्र समाचार सेवा
पटना, 7नवंबर।
बिहार के पूरे सीमांचल क्षेत्र में, जिसमें पूर्णिया , कटिहार, किशनगंज और अररिया के सीटों के साथ ही तीसरे और अंतिम चरण के लिए वोटिंग आज सुबह से शुरू हो चुकी है। यहां असदुद्दीन ओवैसी और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है, लेकिन असदुद्दीन ओवैसी के AIMIM के लिए आज का मतदान लिटमस टेस्ट साबित होने वाला है, क्योंकि AIMIM जिन 24 सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ रही है उनमें से 19 सीटें सीमांचल क्षेत्र में हैं।
सीमांचल मुस्लिम बहुल इलाका है और यहां ओवैसी मुसलमान वोटरों को अपनी ओर खींचने के लिए आक्रमकता के साथ सारे पैतरे अपनाए हैं जो महागठबंधन के खिलाफ अधिक है जबकि एनडीए खेमे के लिए राहत वाली बात है. यहां ओवैसी फैक्टर चुनाव में बड़ा प्रभाव डाल सकता है जिससे महागठबंधन को नुकसान तय है क्योंकि ओवैसी ने सोच-समझकर मुस्लिम, यादव और अनुसूचित जाति के उम्मीदवार उतारे हैं जो महागठबंधन के वोट बैंक में सेंधमारी की कोशिश है।
ग्रैंड यूनाइटेड सेक्यूलर फ्रंट में शामिल ओवैसी ने मायावती की बसपा, उपेंद्र कुशवाहा की रालोसपा और देवेंद्र यादव की समाजवादी जनता दल से वोटरों पर भी भरोसा जताया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने चुनाव प्रचार में एनआरसी जैसे मुद्दे को उछाल कर सीमांचल और कोसी इलाके वाले मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया है, इससे जहां महागठबंधन को सीधा नुकसान और एनडीए को फायदा मिलता दिख रहा है।
AIMIM ने भी हाल में पार्टी के काफिले पर हुए हमले के लिए मस्तान और उनके समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया है जिसमे कई पार्टी कार्यकर्ता घायल हो गये थे। AIMIM का कहना है कि सीमांचल में उसके उदय के साथ ही कांग्रेस की स्थिति लड़खड़ाने लगी है और इसलिए ये हमले हुए हैं. इस चरण में AIMIM का मुकाबला करना कांग्रेस की प्राथमिकता है।
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