‘GRAP-4 लागू करने में 3 दिन की देरी क्यों की गई?’: सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण पर दिल्ली सरकार को लगाई फटकार
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,18 नवम्बर। दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा है कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का चौथा चरण लागू करने में 3 दिन की देरी क्यों की गई। यह फटकार ऐसे समय में आई है जब दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है।
क्या है GRAP-4?
GRAP, यानी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान, वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए एक बहुस्तरीय योजना है। इसमें चार चरण होते हैं, जो वायु प्रदूषण के स्तर के अनुसार लागू किए जाते हैं। चौथा चरण सबसे गंभीर स्थिति में लागू किया जाता है, जिसमें निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध, स्कूलों और दफ्तरों को बंद करना, और वाहनों की आवाजाही सीमित करना शामिल होता है।
SC का सवाल: ‘देरी का कारण क्या?’
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा कि GRAP-4 जैसे आपातकालीन कदम उठाने में तीन दिन की देरी क्यों की गई। कोर्ट ने कहा कि जब जनता की सेहत दांव पर है, तब ऐसी लापरवाही अक्षम्य है।
जस्टिस की बेंच ने कहा, “आपको प्रदूषण स्तर पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी। आखिर क्यों इसे अनदेखा किया गया?”
दिल्ली सरकार का बचाव
दिल्ली सरकार ने देरी के पीछे कई कारण बताए, जिनमें तकनीकी चुनौतियां और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय का अभाव शामिल है।
सरकार ने यह भी दावा किया कि उन्होंने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई अन्य उपाय किए हैं, जैसे निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध और सड़क पर पानी का छिड़काव।
विपक्ष का हमला
इस मामले को लेकर विपक्ष ने दिल्ली सरकार को घेरा। बीजेपी और कांग्रेस नेताओं ने इसे सरकार की नाकामी बताया और कहा कि प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे पर राजनीति से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है।
दिल्ली में प्रदूषण का हाल
- वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI): दिल्ली का AQI हाल ही में 450 से ऊपर पहुंच गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है।
- जनता पर असर: खराब हवा की वजह से बच्चों, बुजुर्गों और दमा के मरीजों पर गंभीर असर पड़ रहा है।
- स्कूल बंद: प्रदूषण के कारण बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों को बंद करने की मांग तेज हो गई है।
विशेषज्ञों की राय
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि वायु प्रदूषण को रोकने के लिए केवल GRAP-4 लागू करना ही काफी नहीं है। दीर्घकालिक उपायों, जैसे हरित क्षेत्र बढ़ाना, सार्वजनिक परिवहन को प्रोत्साहन देना और पराली जलाने की समस्या का समाधान करना, आवश्यक है।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट की फटकार दिल्ली सरकार के लिए एक कड़ा संदेश है कि वायु प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दों पर त्वरित और प्रभावी कदम उठाना बेहद जरूरी है। प्रदूषण न केवल एक पर्यावरणीय संकट है, बल्कि यह दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोगों की सेहत के लिए भी सीधा खतरा है।
“प्रदूषण से लड़ाई केवल कागजी योजनाओं से नहीं जीती जा सकती, इसके लिए ठोस नीतियों और तत्काल कार्रवाई की जरूरत है।”
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