छत्तीसगढ़: महादेव घाट में आयोजित छठ महापर्व में हुई शामिल राज्यपाल उइके

समग्र समाचार सेवा
रायपुर, 31अक्टूबर। राज्यपाल अनुसुईया उइके आज खारून नदी के तट पर महादेव घाट में आयोजित छठ महापर्व में शामिल हुई। राज्यपाल सह अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके ने महादेव घाट में खारून नदी की संध्या आरती की और देश व प्रदेश की सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल, वीणा सिंह, संजय श्रीवास्तव, छठपर्व आयोजन समिति महादेव घाट के प्रमुख राजेश सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे। राज्यपाल सुश्री उइके ने भगवान सूर्य, छठी मैया और हटकेश्वर महादेव को नमन करते हुए सभी व्रतियों और श्रद्धालुओं को छठ की शुभकामनाएं दी तथा देश व प्रदेश के समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि छठ का महापर्व न केवल देश में बल्कि विदेशों में भी बड़े ही हर्षाेल्लास के साथ मनाया जाता है। प्रकृति पूजा का यह पर्व लोक जीवन के सबसे महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है और आस्था व श्रद्धा के साथ छठ मनाने की एक समृद्ध परंपरा रही है। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि 36 घंटो तक निर्जला रहकर श्रद्धालुओं द्वारा प्रकृति के प्रति अपनी आस्था व समर्पण प्रकट करने का पूरे विश्व में छठ पर्व एक अनुठा उदाहरण है। सामाजिक समरसता और सद्भाव भी छठ महापर्व की विशेषता है, लोग अपने धार्मिक मान्यताओं से इतर इसमें शामिल होते है। उन्होंने कहा कि भारत में ‘विविधता में एकता’ की मान्यता को भी यह पर्व चरितार्थ करती है। राज्यपाल ने कहा कि नई पीढ़ी को भी अपने तीज-त्यौहार और संस्कार की जानकारी हो तथा अपनी परंपराओं पर गर्व करते हुए इसका पालन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश में छठ पर्व के आयोजन को लेकर भी कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं प्रचलित है तथा इसके केंद्र में प्रकृति को रखा गया है। राज्यपाल ने कहा कि हमारे तीज, त्यौहार, रीति-रिवाजों और मान्यताओं में प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाते हुए विकास करने और जीवन जीने की सीख देते है। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि एक लोक पर्व किस प्रकार सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक पक्षों को एक सूत्र में पिरो कर रखता है, छठ महापर्व से इसे सहज ही समझा जा सकता है। राज्यपाल सुश्री उइके ने छठ महापर्व के सफल आयोजन के लिए समिति को भी शुभकामनाएं दी। राज्यपाल को समिति द्वारा इस अवसर पर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

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