पेपर लीक मामले में केन्द्र सरकार हुई सख्त,पेपर लीक करने पर होगी 10 साल की सजा व 1 करोड़ तक का जुर्माना

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,05 फरवरी। आज केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में पेपर लीक बिल पेश किया. इस बिल के तहत, पेपर लीक करने और दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने पर कड़ी सजा और जुर्माना वसूलने का कानून बनाया गया है. गया है. इस बिल के नियम के मुताबिक, पेपर लीक करने वाले दोषी को 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है. साथ ही दूसरे कैंडिडेट के स्थान पर परीक्षा देने पर भी कड़ी सजा दी जाएगी. पेपर लीक बिल क्या है, आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.

केन्द्र सरकार पेपर लीक मामले में हुई सख्त
देश के किसी न किसी राज्य में हमेशा पेपर लीक मामला सामने आता रहता है. कई राज्यों में इसके लिए खास तौर पर कानून भी बनाए गए हैं. लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ पहली बार कानुन बनाया गया है. ताकि पेपर लीक की वजह से परीक्षाएं बार-बार रद्द नहीं करनी पड़े. केंद्र सरकार ने पेपर लीक मामले को गंभीरता से लिया, और आज लोकसभा में सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) विधेयक 2024 पेश कर दिया है.

पेपर लीक करने पर होगी 10 साल की सजा व 1 करोड़ तक का जुर्माना
अगर पेपर लीक करने में कोई दोषी पाया जाएगा तो उसे 10 साल की सजा और 1 करोड़ तक जुर्माना लगाया जा सकता है. नियम के मुताबिक, दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने पर दोषी पाए गए अपराधी को 3 से 5 साल की सजा और 10 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है. वहीं अगर पेपर लीक और नकल के मामले में कोई भी संस्थान दोषी पाया गया तो उससे परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जा सकता है. साथ ही उसकी सारी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है. यह कानून देश के सभी सरकारी परीक्षाओं के लिए सामान रूप से लागू होगा. जिसमें यूपीएससी, एसएससी, पीसीएस, बोर्ड एग्जाम सहित सभी सरकारी एग्जाम शामिल हैं. जिसकी जांच पुलिस उपाधीक्षक, सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी करेंगे.

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