भारत के स्टॉक मार्केट में विदेशी निवेशकों की वापसी: ₹4,223 करोड़ के निवेश के साथ, ‘आप निवेशक को भारत से बाहर ले जा सकते हैं, लेकिन…’
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,5 मई । क्या कभी ऐसा हुआ है कि आपका दोस्त कहे कि वह अब कभी नहीं लौटेगा, लेकिन फिर एक दिन, बिना किसी सूचना के आपके दरवाजे पर आकर Wi-Fi पासवर्ड मांगने लगे? जी हां, हम बात कर रहे हैं विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की, जिन्होंने भारत के स्टॉक मार्केट से निकलने के बाद अब ₹4,223 करोड़ का निवेश करके अपनी वापसी की है। तीन महीने की अनुपस्थिति के बाद, वे अब फिर से लौटे हैं, जैसे कुछ हुआ ही न हो।
पिछले कुछ महीनों में भारत के शेयर बाजार ने बड़ी अस्थिरता का सामना किया था। मार्च में जहां विदेशी निवेशकों ने ₹3,973 करोड़ की निकासी की, वहीं जनवरी में यह आंकड़ा ₹78,027 करोड़ तक पहुंच गया था। ऐसे में, अप्रैल में ₹4,223 करोड़ का निवेश एक तरह से राहत की खबर है, लेकिन क्या यह स्थायी होगा?
VK विजयकुमार, जो Geojit Investments के मुख्य निवेश रणनीतिकार हैं, का मानना है कि इस बार विदेशी निवेशकों की वापसी भारत के स्टॉक मार्केट में अधिक स्थिरता ला सकती है। लेकिन, सच कहें तो, विदेशी निवेशकों का भारत में निवेश एक ऐसे दोस्त जैसा महसूस होता है, जो हर सप्ताह योजनाएं रद्द करता है और कभी भी बिना बताए वापस आ जाता है। हम उन्हें स्वागत करते हैं, लेकिन क्या वे लंबे समय तक रहेंगे?
विदेशी निवेशकों की वापसी के पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहले, अमेरिकी डॉलर का कमजोर होना और भारतीय रुपया का मजबूत होना एक प्रमुख कारण हो सकता है। इसके अलावा, कुछ प्रमुख भारतीय कंपनियों के मजबूत नतीजों ने निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ाया है। इसके साथ ही, भारत और अमेरिका के बीच संभावित व्यापार समझौते ने भी विदेशी निवेशकों को उत्साहित किया है। ऐसा लगता है जैसे उन्हें अब एहसास हो गया हो कि भारत का स्टॉक मार्केट शायद वह मौका था जिसे वे खो बैठे थे।
अब असली सवाल यह है: क्या निवेशक इस बार लंबे समय तक बने रहेंगे, या यह सिर्फ एक तात्कालिक बदलाव है? 2025 में अब तक ₹1.12 लाख करोड़ की निकासी हो चुकी है, और अब ₹4,223 करोड़ का निवेश करके वापसी की गई है। क्या हम इस बार इन निवेशकों पर भरोसा कर सकते हैं?
हमारे पास फिलहाल उनके पैसे तो हैं, लेकिन हमें अतीत को भी याद रखना होगा। स्टॉक मार्केट की दुनिया में यह कहना आसान नहीं है कि “निवेशक वापस लौट आए हैं”, क्योंकि यहां पर विश्वास और संतुलन की कसौटी होती है। कितनी बार हम उन्हें माफ कर सकते हैं और भूल सकते हैं?
विदेशी निवेशकों की वापसी एक स्वागत योग्य बदलाव है, लेकिन हमें उनकी स्थिरता पर सवाल उठाने का अधिकार भी है। क्या यह निवेश स्थायी होगा, या यह सिर्फ एक ब्रेक-अप के बाद का संक्षिप्त मेल-मिलाप है? समय ही यह बताएगा, लेकिन फिलहाल हम उनके निवेश का स्वागत तो करते हैं, पर एक चेतावनी के साथ।
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