मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर ने दिशा सालियान के माता-पिता पर दबाव डालने के आरोपों को खारिज किया

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,26 मार्च।
एक सनसनीखेज मामले में, मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर ने दिशा सालियान के माता-पिता पर दबाव डालने के आरोपों को सख्ती से खारिज किया। यह विवाद तब भड़का जब आरोप लगे कि पेडणेकर ने मीडिया में चर्चा के केंद्र में रहे सतीश सालियान के घर जाकर उन्हें एक विशेष रुख अपनाने के लिए मजबूर करने की कोशिश की। इन आरोपों में कुछ राजनीतिक नेताओं के साथ उनकी संदिग्ध संलिप्तता का भी जिक्र किया गया है, जिसने इस मामले को और अधिक गरमा दिया है।

मेयर पेडणेकर ने रिपब्लिक टीवी को दिए एक साक्षात्कार में इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा, “मैं न तो भ्रष्ट हूं और न ही कोई अपराधी। मैं एक साधारण पृष्ठभूमि से आई महिला हूं, और मुझ पर इस तरह के झूठे आरोप लगाना गलत है। मैंने कभी किसी को धमकाया नहीं, और इन लोगों से मेरी वैसी कोई बातचीत नहीं हुई, जैसी प्रस्तुत की जा रही है।”

पेडणेकर की यह प्रतिक्रिया एक वायरल वीडियो के बाद आई, जिसमें सतीश सालियान लगातार उनका नाम लेते हुए आरोप लगा रहे हैं कि जब वह उनके घर आई थीं, तब उन्होंने उन पर दबाव डाला था। यह वीडियो जल्द ही बहस का मुद्दा बन गया, और लोगों ने इसमें राजनीतिक साजिश की संभावना जताई। सालियान का आरोप है कि पेडणेकर और एक अन्य व्यक्ति ने उन्हें कुछ खास फैसले लेने के लिए मजबूर करने की कोशिश की, जो कि कथित रूप से एक बड़े राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा था।

हालांकि, पेडणेकर ने इन आरोपों को पूरी तरह से मनगढ़ंत बताया और कहा कि “मीडिया ने इस घटना को गलत तरीके से दिखाया है, और इसके पीछे मेरे खिलाफ दुष्प्रचार करने की मंशा है। मैंने किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बनाया और न ही कोई जोर-जबरदस्ती की। ये सब पूरी तरह से मनगढंत आरोप हैं।”

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि जिस समय यह घटना हुई, उस दौरान मुंबई का राजनीतिक माहौल अत्यधिक अस्थिर था, और यही कारण है कि उन पर इस तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने किसी भी राजनीतिक या व्यक्तिगत लाभ की संभावना को खारिज किया और कहा कि उनके सभी कार्य शहर और उसके लोगों के हित में थे।

हालांकि, पेडणेकर ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है, फिर भी मामला अभी भी जांच के दायरे में है। अब यह मामला अदालत में सुना जाएगा, जहां पेडणेकर और सालियान दोनों अपनी-अपनी दलीलें पेश करेंगे। जांच अभी जारी है, और अंतिम निर्णय आना बाकी है। अधिकारी इस मामले में गहराई से जांच कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसमें कोई आपराधिक कृत्य शामिल था या नहीं।

यह विवाद अब मुंबई की मौजूदा राजनीतिक उठापटक का एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। कई लोगों ने स्थानीय शासन पर बढ़ते राजनीतिक प्रभाव और राज्य की राजनीति में प्रभावशाली व्यक्तियों की संलिप्तता पर सवाल उठाए हैं। इस मामले में पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह का नाम भी सामने आया है, जिन्हें पेडणेकर की कथित गतिविधियों और कुछ संदिग्ध राजनीतिक लेन-देन के बीच एक कड़ी माना जा रहा है। इस प्रकरण में उनकी भूमिका की जांच की मांग फिर से तेज हो गई है।

इसके अलावा, आदित्य ठाकरे पर भी इस मामले से जुड़े होने का आरोप लगाया गया है। सतीश सालियान के वकील का दावा है कि ठाकरे और इस घोटाले में शामिल कुछ अन्य व्यक्तियों के बीच स्पष्ट संबंध थे। हालांकि, ठाकरे का नाम मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन फिलहाल उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

इस मामले ने क्षेत्रीय राजनीति में सत्ता की भूमिका और प्रभाव के इस्तेमाल को लेकर तीखी बहस छेड़ दी है। पेडणेकर के समर्थक इस मामले को उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं और इसे उनकी छवि धूमिल करने की कोशिश बता रहे हैं।

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, इस विवाद के नए पहलू सामने आ रहे हैं। एक ओर मेयर किशोरी पेडणेकर और सतीश सालियान की ओर से अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं, तो दूसरी ओर इस मामले का अंतिम फैसला समय के साथ ही स्पष्ट हो पाएगा।

दूसरी ओर, सालियान के एक रिश्तेदार विशाल सालियान की रहस्यमयी मौत की जांच भी अब संदेह के घेरे में आ गई है। इस मामले ने तब नया मोड़ ले लिया जब यह खुलासा हुआ कि विशाल के निधन के बाद भी कई दिनों तक उनके फोन का इस्तेमाल किया गया था। इस खुलासे ने सवाल खड़े कर दिए हैं कि उनकी मौत में कौन लोग शामिल थे और क्या इसे छिपाने की कोशिश की जा रही थी।

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