बाल तस्करी पर एनसीआरबी रिपोर्ट: 2022 में 18 वर्ष से कम उम्र के 3098 पीड़ित बचाए गए

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31 जुलाई। गृह राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बाल तस्करी के आंकड़ों और सरकार के प्रयासों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, 18 वर्ष से कम आयु के तस्करी के शिकार बच्चों की संख्या में पिछले पांच वर्षों के दौरान कोई निरंतर वृद्धि का रुझान नहीं देखा गया है। हालांकि, वर्ष 2022 में 18 वर्ष से कम उम्र के 3098 पीड़ितों को बचाया गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है।

पिछले पांच वर्षों के आंकड़े:
क्रम संख्या वर्ष बचाए गए पीड़ित (18 वर्ष से कम उम्र)
1 2018 2484
2 2019 2746
3 2020 2151
4 2021 2691
5 2022 3098

राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की जिम्मेदारियाँ
भारत के संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार ‘पुलिस’ और ‘सार्वजनिक व्यवस्था’ राज्य-सूची के विषय हैं। इसलिए, बाल तस्करी को रोकने और इस अपराध से निपटने की जिम्मेदारी मुख्य रूप से संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की है। वे कानून के मौजूदा प्रावधानों के तहत ऐसे अपराधों का सामना करने में सक्षम हैं।

भारत सरकार की सहायता और दिशानिर्देश
हालांकि, भारत सरकार भी इस संबंध में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों में सहायता करती है। बाल तस्करी सहित मानव तस्करी को रोकने और उससे निपटने के लिए सरकार ने विभिन्न दिशानिर्देश और परामर्श जारी किए हैं। सरकार ने मानव तस्करी रोधी इकाइयों (एएचटीयू) को उन्नत बनाने और स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है, ताकि सभी जिलों में प्रभावी निगरानी की जा सके।

संस्थानिक तंत्र और प्रशिक्षण कार्यक्रम
संस्थानिक तंत्र: सरकार ने मानव तस्करी की समस्या का समग्र समाधान करने के उद्देश्य से राज्य मुख्यालय, जिला स्तर और पुलिस स्टेशन स्तर पर एक संस्थागत तंत्र स्थापित किया है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम: पुलिस और कानून अधिकारियों को नवीनतम पहलों और घटनाक्रमों के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए राज्य स्तरीय सम्मेलन और न्यायिक संगोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है।
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य बाल तस्करी की समस्या का केंद्रित और कुशल समाधान प्रदान करना है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो का योगदान
एनसीआरबी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा रिपोर्ट किए गए अपराध के आंकड़ों का संकलन करता है और इन्हें अपने वार्षिक प्रकाशन ‘भारत में अपराध’ में प्रकाशित करता है। हालांकि, बाल तस्करी के बारे में एनसीआरबी द्वारा कोई विशेष जानकारी प्रदान नहीं की गई है।

इस महत्वपूर्ण जानकारी के साथ, गृह राज्य मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार बाल तस्करी के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से समर्पित है और इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।

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