समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में यमुना नदी की हालत पर एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। इस बैठक में न सिर्फ वर्तमान स्थिति पर गंभीरता से चर्चा हुई, बल्कि इस नदी को फिर से जीवंत करने के ठोस रास्ते भी तलाशे गए। गृह मंत्री अमित शाह, जल शक्ति मंत्री, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और तमाम विशेषज्ञ इसमें मौजूद थे।
तीन पड़ाव, एक सपना – साफ यमुना
बैठक में साफ कहा गया कि यमुना की सफाई कोई एक दिन का काम नहीं है। इसके लिए एक मजबूत रोडमैप तैयार किया गया है, जो तीन हिस्सों में बंटा है:
1. पहला कदम : 3 महीने में दिखेगा असर : सबसे पहले उन जगहों पर काम होगा जहां से सबसे ज्यादा गंदगी यमुना में गिरती है।
2. दूसरा चरण : 1.5 साल तक ठोस बदलाव : नालों को ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ना, पुराने सिस्टम की मरम्मत और लोगों को जागरूक करना।
3. तीसरा पड़ाव : 3 साल में नई यमुना : लंबे समय के लिए ऐसी व्यवस्थाएं तैयार की जाएंगी जिससे यमुना फिर कभी गंदगी में न डूबे, जैसे इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट, हरित तटों का विकास और वॉटर ट्रीटमेंट सिस्टम।
यमुना कोई साधारण नदी नहीं है। ये दिल्ली की सांस है, भावना है, और विरासत भी। आज ये नदी सीवेज, कचरे और रसायनों के बोझ से कराह रही है। पर इस बार इरादा बड़ा है — यमुना को फिर से उसकी गरिमा लौटाने का। इस मुद्दे पर हुई बैठक में कुछ बेहद ज़रूरी मुद्दों पर फोकस किया गया:
गंदे नालों को सीधा नदी में गिरने से रोकना
ठोस और रासायनिक कचरे का वैज्ञानिक समाधान
डेयरी और फैक्ट्रियों से निकलने वाले अपशिष्ट पर नियंत्रण
नदी किनारों का हरा-भरा विकास
और सबसे अहम — जनता को साथ जोड़ना
सरकार की इस कोशिश में अगर हम सब मिलकर हाथ बढ़ाएं, तो यमुना की सफाई कोई सपना नहीं रहेगी। हम फिर से उस यमुना को देख सकेंगे, जिसके किनारे बैठकर सुकून महसूस हो, जिसमें बच्चों की किलकारियां गूंजें और जिसे देखकर आंखों को ठंडक मिले। ये सिर्फ सरकारी प्रोजेक्ट नहीं, ये हमारी पीढ़ी की जिम्मेदारी है।
Comments are closed.