बदलेगा उज्जैन के सुप्रसिद्ध दक्षिणमुखी महाकालेश्वर मंदिर के परिसर का कायाकल्प, 750 करोड़ रूपए की लागत से किया जा रहा निर्माण

समग्र समाचार सेवा
उज्जैन, 24मई। देश के प्रसिद्ध 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक उज्जैन के सुप्रसिद्ध दक्षिणमुखी महाकालेश्वर मंदिर के परिसर का कायाकल्प तेजी से हो रहा है। करीब 750 करोड़ रूपए की लागत से इस भव्य कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। अभी तक इसमें से करीब 400 करोड़ रूपए की राशि खर्च भी हो चुकी है। इस परिसर के प्रथम चरण का लोकार्पण करने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जून महीने के दूसरे सप्ताह में उज्जैन आने वाले हैं।

देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले दिनों काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर का लोकार्पण किया था। इसकी चर्चा देशभर में खूब हुई। उसी की तर्ज पर उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर का भी विकास और विस्तार किया जा रहा है। किन्तु यहाँ खास बात यह है कि काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर से उज्जैन महाकाल मंदिर का परिसर करीब 4 गुना बड़ा होगा।
महाकाल कॉरिडोर अत्यन्त भव्य होगा। इस परिसर में भगवान शिव के दस-बीस नहीं, बल्कि एक साथ 190 रूपों के दर्शन होंगे। यह परिसर काशी विश्वनाथ मंदिर से कई गुना बड़ा होगा। इसकी भव्यता इस रूप में उल्लेखनीय है कि काशी विश्वनाथ मंदिर का परिसर करीब 5 हेक्टेयर में फैला है और उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर का उससे चार गुना ज्यादा 20 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्माण किया जा रहा है। इस मंदिर परिसर के निर्माण में शिव विवाह और अन्य प्रसंगों को जहाँ बड़ी खूबसूरती से तराशा गया है, वहीं शिव तांडव आदि को भी भव्यता के साथ में प्रदर्शित किया गया है।
उज्जैन का महाकाल मंदिर वर्तमान में लगभग 2 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इस परिसर का विस्तार 10 गुना अधिक किया जा रहा है। अर्थात महाकालेश्वर मंदिर का परिसर बढ़कर अब 20 हेक्टेयर हो जाएगा। महाकालेश्वर मंदिर का प्रवेश द्वार भी काफी बढ़ा और भव्य बनाया जा रहा है। इस मंदिर परिसर की भव्यता अब इतनी बढ़ जाएगी कि इसे अच्छी तरह देखने के लिए 4 से 6 घंटे का समय लगेगा।

 

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