समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,13 फरवरी। भारत के लोकतांत्रिक ढांचे में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। हाल ही में शीर्ष अदालत ने एक अहम सवाल उठाया है—“अगर किसी अपराधी को सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य माना जाता है, तो वही व्यक्ति चुनाव लड़कर जनता का प्रतिनिधि कैसे बन सकता है?” यह सवाल भारतीय राजनीति और लोकतंत्र की पवित्रता को लेकर एक गंभीर बहस को जन्म देता है।
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