राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों का दो दिवसीय सम्मेलन, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी अध्यक्षता

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 31 जुलाई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 2 और 3 अगस्त, 2024 को राष्ट्रपति भवन में राज्यपालों के दो दिवसीय सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगी। यह सम्मेलन विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह राज्यपालों का ऐसा पहला सम्मेलन होगा जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु करेंगी। इस सम्मेलन में सभी राज्यों के राज्यपाल भाग लेंगे, जो विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए इकट्ठा होंगे।

सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रमुख लोग:
इस सम्मेलन में उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, कृषि और किसान कल्याण मंत्री, शिक्षा मंत्री, जनजातीय कार्य मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, युवा मामले एवं खेल मंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष और सीईओ के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय, गृह मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे।

सम्मेलन का एजेंडा:
राज्यपालों के इस सम्मेलन के एजेंडे में कई महत्वपूर्ण विषय शामिल होंगे, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

तीन आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन: सम्मेलन में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की जाएगी कि कैसे नए आपराधिक कानूनों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सकता है।

उच्च शिक्षा में सुधार एवं विश्वविद्यालयों की मान्यता: राज्यपाल उच्च शिक्षा में सुधार के उपायों और विश्वविद्यालयों की मान्यता को बेहतर बनाने पर विचार-विमर्श करेंगे।

विकास के फोकस क्षेत्र: आदिवासी क्षेत्रों, आकांक्षी जिलों और ब्लॉकों तथा सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

राज्यपालों की भूमिका: ‘माईभारत’, ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ और ‘एक वृक्ष मां के नाम’ और प्राकृतिक खेती जैसे अभियानों में राज्यपालों की भूमिका पर चर्चा होगी। इसके अलावा, जनता से संपर्क बढ़ाने और राज्य में विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में राज्यपालों की भूमिका पर भी विचार किया जाएगा।

विचार-विमर्श और प्रस्तुतिकरण:
राज्यपाल विभिन्न पृथक समूहों में एजेंडा के इन विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे। सम्मेलन के समापन सत्र में, राज्यपालों के ये समूह राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य प्रतिभागियों के समक्ष अपने विचार और निष्कर्ष प्रस्तुत करेंगे।

महत्वपूर्ण कदम:
इस सम्मेलन का उद्देश्य न केवल विभिन्न विषयों पर चर्चा करना है बल्कि राज्यपालों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देना भी है। यह राज्यपालों को अपने अनुभव साझा करने और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने का अवसर प्रदान करेगा, जिससे वे अपने-अपने राज्यों में विकास और प्रगति को आगे बढ़ा सकें।

राज्यपालों का यह सम्मेलन देश के विकास और प्रशासन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जिससे न केवल राज्यों के बीच बल्कि केंद्र और राज्यों के बीच भी बेहतर तालमेल स्थापित होगा। यह सम्मेलन निश्चित रूप से राष्ट्र की प्रगति में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

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