पीएमएलए मामला: ईडी ने सहारा की ₹1,460 करोड़ की एंबी वैली संपत्ति जब्त की

समग्र समाचार सेवा
लोणावला,17 अप्रैल।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में सहारा समूह की प्रतिष्ठित परियोजना एंबी वैली सिटी को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत की गई है। जब्त की गई इस संपत्ति की अनुमानित कीमत ₹1,460 करोड़ है।

ईडी की यह कार्रवाई कोलकाता जोनल ऑफिस द्वारा अंजाम दी गई। महाराष्ट्र के लोणावला में स्थित 707 एकड़ में फैली एंबी वैली सिटी कभी “भारत का पहला नियोजित हिल सिटी” कहकर प्रचारित की गई थी। इस प्रोजेक्ट में लग्ज़री विला, कॉटेज, कृत्रिम झीलें और एक भव्य गोल्फ कोर्स शामिल हैं, जो एक हाई-एंड जीवनशैली का प्रतीक रहे हैं। यह मुंबई से लगभग 110 किमी और पुणे से 90 किमी की दूरी पर स्थित है।

ईडी के अनुसार, एंबी वैली परियोजना की जमीन बेनामी नामों पर खरीदी गई थी और इसके लिए जो धनराशि उपयोग में लाई गई, वह सहारा समूह की विभिन्न कंपनियों से अवैध रूप से स्थानांतरित की गई थी। एजेंसी ने दावा किया कि सहारा समूह ने पोंजी स्कीम के ज़रिए निवेशकों को गुमराह कर धन एकत्र किया और उस पैसे का उपयोग व्यक्तिगत ऐशोआराम के लिए किया।

ईडी की जांच में सामने आया है कि सहारा समूह की कंपनियों ने निवेशकों और एजेंटों को अधिक रिटर्न और कमीशन का लालच देकर निवेश आकर्षित किया। कई मामलों में निवेशकों की सहमति के बिना उनकी राशि को दोबारा निवेश कर दिया गया, और परिपक्वता (maturity) पर भुगतान को या तो टाल दिया गया या अस्वीकार कर दिया गया।

देशभर में अब तक सहारा समूह की कंपनियों के खिलाफ 500 से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। इनमें से तीन प्रमुख मामले ओडिशा, बिहार और राजस्थान में “हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड” (HICCSL) के खिलाफ दर्ज किए गए हैं।

ईडी की रडार पर सहारा समूह की कई अन्य संस्थाएं भी हैं:

  • सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (SCCSL)

  • सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पस कोऑपरेटिव सोसाइटी (SUMCS)

  • स्टार्स मल्टीपर्पस कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (SMCSL)

  • सहारा इंडिया कमर्शियल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SICCL)

  • सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL)

  • सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL)

ईडी का कहना है कि सहारा समूह ने निवेशकों को भुगतान दिखाने के लिए फर्जी खातों का इस्तेमाल किया और निवेश वापस किए बिना लगातार नई जमाएं स्वीकार करता रहा।

इससे पहले की छापेमारी में एजेंसी ने ₹2.09 करोड़ की बेनामी नकदी भी जब्त की थी, जिसकी कोई वैध गणना नहीं थी। अब ईडी की ताज़ा कार्रवाई ने समूह की मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों पर शिकंजा कस दिया है।

ईडी ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई अभी शुरुआती चरण में है और आने वाले महीनों में और भी संपत्तियों की जब्ती और कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। सहारा समूह पर लगे आरोप न सिर्फ आर्थिक फ्रॉड को उजागर करते हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि कैसे निवेशकों की मेहनत की कमाई को एक जालसाजी तंत्र में फंसा दिया गया।

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